Swami Mukundananda in this episode explains following lines:
हरि दरस दे या न दे तुम, रोते जाओ प्यारे ।
एक दिन अइहैं इहै, विस्वास राखहु प्यारे ।
जितनो तू कर प्यार तितनो, प्यार कर तोहिं प्यारे ।
प्यार ही प्यार सों कर पिय, प्यार चाकर प्यारे ।
हरि दरस दे या न दे तुम, रोते जाओ प्यारे ।
एक दिन अइहैं इहै, विस्वास राखहु प्यारे ।
जितनो तू कर प्यार तितनो, प्यार कर तोहिं प्यारे ।
प्यार ही प्यार सों कर पिय, प्यार चाकर प्यारे ।
No comments:
Post a Comment